पारद माला एक प्रकार की हिन्दू धार्मिक माला होती है जो पारद नामक धार्मिक पदार्थ से बनाई जाती है। पारद संस्कृत शब्द है जिसका अर्थ होता है “हीरे की माला”। यह माला धारण करने वाले लोगों के द्वारा पूजा, ध्यान, योग और मन्त्रजाप के समय उपयोग की जाती है।
पारद माला का महत्व धार्मिक और आध्यात्मिक प्रयासों में दोहराया जाता है। इसके उपयोग से योगी, ध्यानी, पुरुषोत्तम, संन्यासी और आध्यात्मिक अनुयायी में तन, मन और आत्मा की एकाग्रता, ध्यान और समाधि की प्राप्ति का मार्ग सुगम होता है। जो कोई भी धन की कामना रखता है वोसावन के महीने में रुद्र माला से भगवान शिव और मां लक्ष्मी के मंत्रों का जाप करे। इस पर भगवान शिव की कृपा होने के साथ-साथ मां लक्ष्मी की कृपा भी बरसती है।
पारद माला के अद्भुत लाभ –
मन को शांत करने में सहायता : पारद माला के धारण करने से मन की चंचलता कम होती है और ध्यान में स्थिरता आती है। इसके द्वारा मन को एकाग्र करके स्वयं को प्रभु के प्रति समर्पित किया जा सकता है।
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पारद धातु कालसर्प और मांगलिक दोष को भी शांत करता है इसलिए अगर आपकी कुंडली में ये दोष हैं तो आपको अपने गले में पारद माला धारण करनी चाहिए।
मन्त्र जप के लिए: यह माला का उपयोग मन्त्र जप के दौरान किया जाता है। जब जाप करने वाला व्यक्ति माला के माध्यम से हर मंत्र को एक पश्चात्ताप करके पढ़ता है, तो उसे अधिक ध्यान और मन की एकाग्रता मिलती है।
स्थायित्व और स्वस्थता: यह माला का धारण करने से शारीरिक और मानसिक स्थिरता में सुधार होता है। यह माला शांति और सुख की अनुभूति कराती है और स्वस्थ जीवनशैली को प्रोत्साहित करती है।
आध्यात्मिक साधना में सहायता: पारद माला आध्यात्मिक साधनाओं में एक महत्वपूर्ण उपकरण है। इसका उपयोग योग, मेडिटेशन, प्रार्थना और साधना के दौरान मन को एकाग्र करने और अन्तरंग शांति के प्राप्ति में मदद करता है।
यह माला व्यक्ति को धार्मिक और आध्यात्मिक मार्ग पर एकाग्रता और स्थिरता प्रदान करती है। यह माला आत्मिक सामर्थ्य को विकसित करने में मदद करती है और सच्चे स्वरूप की प्राप्ति का मार्ग प्रशस्त करती है।
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